देखिये.....आज के ज़माने में साँपों का जीवन रक्षक, जान जोखिम में डाल कैसे पकड़ लेता है ज़हरीले साँप।

 0  28

बाज़पुर: आज के ज़माने में इंसान वन्यजीवों का दुश्मन है यह कहना अब ग़लत होगा। क्योंकि कुछ लोग दिन रात एक कर वन्य जीवों की रक्षा में लगे हुए हैं और वो भी बिना किसी लालच के।

आपकों बता दें कि जंगलों पर चल रही लगातार आरियां वन्यजीवों को उनके घरों से बेघर करने का काम कर रही हैं। यही कारण है कि वन्य जीव अब शहरी क्षेत्रों में दखल देने लगे हैं। जिससे कई बार आक्रोशित लोग वन्य जीवो की हत्या भी कर देते हैं। कुछ ऐसा ही हाल वर्तमान में साँपो की इस प्रजाति के साथ भी हो रहा है। साँपों की यह प्रजाति लोगों को जंगलो की तरफ बढ़ता देख शहरी क्षेत्रों में घुस रही है। लेकिन यहां लोग इन्हें जान से मार देते हैं जिससे साँपो की प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। सांप जितने अधिक विषैले होते हैं उससे कई अधिक देखने में सुंदर भी होते हैं। जिनका होना इस प्रकृति के लिए बेहद जरूरी है। जहाँ प्रकृति के चक्र को चलाने के लिए हर किसी का अपना एक अहम योगदान होता है तो वहीं इंसान वर्तमान में प्रकृति के इस चक्र को तोड़ने से बाज़ नही आ रहा और इन साँपों का खुला दुश्मन बन गया है। जहाँ भी इंसान को साँप दिख जाता है तो वह उसे तुरंत मार देता है। यही कारण है कि आज प्रकृति से साँपों की प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर पहुँच चुकी हैं। लेकिन जहाँ एक ओर इंसान साँपों का दुश्मन बना हुआ है तो वहीं एक शख्स ऐसा भी है जो अपनी जान जोखिम में डाल कर साँपों की जान बचाने में लगा है। जो बिना किसी लालच के साँपों की विलुप्त होती इस प्रजाति को बचाने के लिये अपना दिन रात एक कर रहा है और जिसे ऐसा करने में बेहद खुशी भी मिलती है।

[video width="640" height="352" mp4="https://kaalasach.com/wp-content/uploads/2020/09/WhatsApp-Video-2020-09-14-at-4.56.58-PM.mp4"][/video]

जी हाँ, उस शख्स का नाम है मुख्तार अली। जो उत्तराखंड के उधम सिंह नगर की तहसील बाज़पुर के केलाखेड़ा क्षेत्र से हैं। जिन्होंने विलुप्त हो रही साँपों की इस प्रजाति को बचाने का बीड़ा उठाया है। मुख्तार अली ने बताया कि वह पिछले 10 वर्षों से साँपों की प्रजाति को बचाने का प्रयास कर रहे हैं और एक माह में करीब 100 साँपों को लोगों के घरों से पकड़कर जंगल मे छोड़ आते हैं। वहीं हाल ही में उन्होंने 9 जहरीले साँपो को पकड़कर जंगल में छोड़ा है। जिसमें भारतीय प्रजाति का सबसे जहरीला साँप इंडियन करैत जिसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है, 1 अजगर, 2 कलेड कोबरा, 2 ब्लैक कोबरा, 1 रसेल वाइपर और 2 घोड़ा पछाड़ साँपो को घरों तथा आसपास के क्षेत्रों से पकड़कर बरहैनी वन क्षेत्र में छोड़ा। वहीं उन्होंने बताया कि साँप हमारे वातावरण का हिस्सा होते हैं, जिन्हें बचाये रखना हम के लिये बेहद जरूरी है। लेकिन लोग जहरीली दवाइयों ओर डंडो से साँपो को मार रहे हैं जिससे साँपो की प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं। मुख्तार अली ने बताया कि बिना छेड़े कोई भी साँप किसी भी व्यक्ति पर हमला नहीं करता, लेकिन सांपों को देखते ही लोग उन्हें मारने की कोशिश करते हैं जिसकी वजह से सांप अपनी जान बचाने के लिए हमला कर देता है जिसमें कई बार लोगों की जान भी चली जाती है।