देखें.....कहाँ गिरी फर्जी अस्पताल पर प्रशासन की गाज, और फिर.....

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उधम सिंह नगर में जहां एक तरफ फर्जी हॉस्पिटलों का मकड़जाल फैला हुआ है तो वहीं दूसरी ओर इसका खामियाजा भोली-भाली जनता को भुगतना पड़ रहा है। आलम यह कि पूरे जनपद में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही और मिलीभगत के चलते चप्पे-चप्पे पर बिना परमिशन के इस कदर हॉस्पिटल खुले हुए हैं जिनका भगवान ही मालिक है।

ऐसा ही ताजा मामला उधम सिंह नगर के बाज़पुर का है जहां बिना परमिशन के चल रहे लाइफलाइन अस्पताल को गलत तरीके से इलाज करना भारी पड़ गया। जहां जिले के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हॉस्पिटल को सील करते हुए मुकदमें की तैयारी कर दी है। इस दौरान इस अस्पताल सहित एक अल्ट्रासाउंड मशीन के कक्ष को भी सील किया गया तथा तीन अस्पतालों के दस्तावेज जांच कर स्पष्टटीकरण माँगा गया है। वहीं कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाज़पुर क्षेत्र के तीन फर्जी अस्पतालों को भी सील किया था।

बता दें कि बाज़पुर में फर्जी अस्पतालों की बाढ़ सी आ गई है जहां झोलाछाप लोग डॉक्टर बनकर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिसकी जानकारी होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ऐसे अस्पतालों पर कार्यवाही करना तो दूर इधर आने की जहमत तक नही उठाते। जिससे फर्जी अस्पतालों को चला रहे लोगों के हौंसले बुलंद हैं और वो बेरोकटोक बिना सर्जन के मरीजों का ऑपरेशन कर उनकी जान जोखिम में डाल रहे हैं। ऐसा ही हुआ बाजपुर के लाइफलाइन अस्पताल में।जहां बीते कुछ माह पूर्व एक महिला द्वारा अपना उपचार कराया गया था लेकिन अस्पताल में एनेस्थीसिया देने के लिए जिम्मेदार डॉक्टर मौजूद नहीं थे लेकिन अस्पताल में अप्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा महिला को एक नहीं, दो नहीं बल्कि 20 से 25 बार एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया गया जिससे उसकी जान जाते-जाते बची थी। जिसकी शिकायत पीड़िता की पुत्री निकिता सागर ने स्थानीय प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल तक की थी लेकिन समय से अस्पताल पर कार्यवाही न होने के चलते उन्होंने स्थानीय प्रशासन के साथ ही सम्बन्धित अधिकारियों पर मिलीभगत करने का आरोप भी लगाया था। जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों की टीम ने लाइफलाइन अस्पताल में आकर जांच की जिसमें यह अस्पताल पूरी तरह से फर्जी साबित हुआ था। जिसको लेकर जिले के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लंबे समय के बाद शिकायतों के चलते कार्यवाही करते हुए इस फर्जी अस्पताल को सील कर दिया। वहीं क्षेत्र में चल रहे एक अल्ट्रासाउंड में रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर के न पाये जाने पर मशीन कक्ष को सील कर दिया। साथ ही अन्य तीन अस्पतालों के दस्तावेजों की जांच कर उनके संचालकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्यवाही से क्षेत्र में संचालित अन्य फर्जी अस्पतालों के संचालकों में अफरा-तफरी मच गई, जो अस्पताल बन्द कर वहाँ से खिसक लिये। यहाँ यह भी बता दें कि कुछ दिन पूर्व ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाज़पुर दोराहा स्थित हयात अस्पताल, नवजीवन अस्पताल तथा वरदान अस्पताल को भी सील किया था।

वहीं डिप्टी सीएमओ  डॉ हरेंद्र मलिक ने बताया कि चार हॉस्पिटलों पर छापेमारी की जहां पर एक लाइफ हॉस्पिटल ओर एक खुशी अल्ट्रासाउंड को सील कर दिया और दो हॉस्पिटलों के दस्तावेजों की जांच की। टोटल दो हॉस्पिटलों को सील किया और दो के दस्तावेज चेक किये हैं।