क्यों और कहाँ हुआ जिला पंचायत उपाध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज, देखें खास रिपोर्ट.....

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उधम सिंह नगर में एक ऐसा मामला सामने आया है जहाँ 2019 के जिला पंचायत चुनाव में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव जीतकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनने वाले त्रिनाथ विश्वास पर 420 के तहत मुकदमा दर्ज करने के बाद जांच शुरू हो गई है। जिन्हें फर्जी दस्तावेजों के मामले में अब जल्द ही सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है। वहीं पूरा मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

आपको बता दें कि उधम सिंह नगर की जिलाधिकारी रंजना राजगुरु के आदेश पर जिला पंचायत राज अधिकारी विद्या सेमवाल द्वारा जिला पंचायत उपाध्यक्ष त्रिनाथ विश्वास के खिलाफ पन्तनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसमें कहा गया है कि 23 सितंबर 2019 को जिला पंचायत चुनाव के दौरान विजय नगर दिनेशपुर निवासी त्रिनाथ विश्वास ने अपने नामांकन में जन्म प्रमाण-पत्र के रूप में हाईस्कूल की मार्कशीट लगाई थी और चुनाव जीत गये थे। जिसके बाद उन्हें जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी बना दिया गया। चुनाव में फर्जी मार्कशीट की शिकायत कालीनगर निवासी यूथ कांग्रेस के कुमाऊं सोशल मीडिया प्रभारी किशोर कुमार हालदार ने 20 जून 2020 को चुनाव आयोग में की थी। मामले में चुनाव आयोग द्वारा जांच कराई गई जिसमें यह मार्कशीट फर्जी पाई गई। जिस पर जिलाधिकारी उधम सिंह नगर द्वारा मामले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश मिलते ही डीपीआरओ विद्या सेमवाल ने थाना पन्तनगर में उनके खिलाफ तहरीर दी। जिस पर थाना पन्तनगर ने त्रिनाथ विश्वास के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 सहित अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच सिडकुल चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अनिल उपाध्याय को सौंपी। वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज होते ही क्षेत्र में हो हल्ला मच गया जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। मामले में यहाँ तक चर्चा को रही है कि यदि पुलिस जाँच में दस्तावेज फर्जी साबित पाये गये तो त्रिनाथ विश्वास को जल्द ही सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है।

वहीं इस मामले में एसपी सिटी देवेंद्र पिंचा ने बताया कि मामले में डीपीआरओ की तहरीर प्राप्त हुई है जिस पर संज्ञान लेते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष त्रिनाथ विश्वास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।